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जैन संत केशलोच करते हैं, उस दिन प्रायश्चित स्वरूप निर्जला उपवास रखते हैं

  • Writer: Jain News Views
    Jain News Views
  • Jul 20, 2019
  • 2 min read

बांसवाड़ा. दिगम्बर जैन मांगलिक भवन बाहुबली कॉलोनी में शनिवार सुबह क्रांतिवीर मुनि प्रतीकसागर ने जैन धर्म का महान तप केशलोच किया। जिसे देख भक्तों की आंखों में आंसू छलक पड़े। सुबह आठ बजे से शुरू केशलोच के दौरान श्रद्धालुओं ने जयकारों से पंडाल को गुंजायमान कर दिया। इस दौरान भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। इधर, रविवार को समारोहपूर्वक चातुर्मास कलश स्थापना महोत्सव मनाया जाएगा।


इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि केशलोच दिगम्बर जैन मुनि के 28 मूल गुणों में से एक है। मुनि तीन कारणों शरीर के प्रति आसक्ति कम करने, आत्मशक्ति जाग्रत करने और शरीर का सौन्दर्य समाप्त करने के लिए केशलोच करते हैं। केशलोच करना जैन धर्म का महान तप है। बाल सौन्दर्य को बढ़ाते हैं, पर मुनि शरीर के प्रति लगाव नहीं रखते हैं। दिगम्बर मुनि अहिंसा महाव्रत का पालन करते हैं। बताया गया कि जैन संत चार माह में एक बार सिर, दाढ़ी और मूंछ के बालों को बिना शस्त्र प्रयोग के अपने हाथों से उखाड़ते हैं, बालों को निकालने में आंखों से ना दिखने वाले जिन जीवों का घात हुआ हो, उनके प्रायश्चित स्वरूप निर्जला उपवास रखते हैं। यह कार्यक्रम बड़ा वैराग्यवर्धक होता है। उन्होंने छलनी, जोंक, घड़े और हंस के समान चार प्रकार के श्रोताओं की जानकारी देते हुए कहा कि हंस के समान वाले श्रोता सर्वश्रेष्ठ है, जो हंस के समान भेद विज्ञानी होते हैं। अवगुण में से भी गुण खोजकर ग्रहण कर लेते हैं।


कलश स्थापना रविवार को मुनि प्रतीकसागर का 21वां चातुर्मास कलश स्थापना महोत्सव पर रविवार को भव्य आयोजन होगा। चातुर्मास कमेटी अध्यक्ष महेन्द्र जैन ने बताया कि मुनिश्री की मुनि दीक्षा के 21 वर्ष हुए हैं। 21 जुलाई को ही चातुर्मास मंगल कलश स्थापन हो रही है। दोपहर 12.15 बजे गाजेबाजे से मांगलिक भवन से चातुर्मास मंगल कलश की शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसमें महिलाएं केसरिया साड़ी में कलश सिर पर धारण कर चलेगी। जुलूस के पूर्व ध्वजारोहण होगा। 1.15 बजे चातुर्मास मंगल कलश स्थापन महोत्सव का प्रारम्भ होगा। जिसमें नृत्य, मंगलाचरण, भक्ति नृत्य, आचार्य पुष्पदन्तसागर के चित्र का आनावरण, दीप प्रज्वलन, संगीतमय मय गुरु पूजन, शास्त्र भेंट, पादप्रक्षालन, 108 दीपों से महाआरती, मुनिश्री के विशेष प्रवचन, चातुर्मास कलश स्थापन विधि मंत्रोचारण आदि कार्यक्रम होंगे। कार्यक्रम में बांसवाड़ा, उदयपुर, जावरा, मुम्बई, दिल्ली, इंदौर, नागपुर आदि स्थानों से भक्तजन सम्मिलित होंगे।

 
 
 

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