उदयपुर :-
सायरा थाना पुलिस ने जैन मंदिरों में हो रही चोरियों के गिरोह का पर्दाफाश कर बड़ा खुलासा किया है। गिरफ्तार हुए पांच आरोपियों ने पूछताछ में जैन मंदिरों में न सिर्फ चोरियां कबूलीं हैं, बल्कि यह तक भी बताया कि वे अक्सर जैन मंदिरों को ही निशाना क्यों बनाते थे। पुलिस को जब जैन मंदिरों में ही चोरी के कारणों पता चला तो वह भी चौंक गयी।
चोरों ने पूछताछ में बताया कि ऐसी मान्यता है कि जैन मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के समय मूर्ति के नीचे सोना-चांदी गाढ़ कर रखते हैं। इसी भ्रांति के चलते चोर गिरोह के बदमाशों ने क्षेत्र के जैन मंदिरों को निशाना बनाया और यहां चोरियां कीं। इसके अलावा चोरों को जैन मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठित हुई जैन मूर्ति के कीमती होने और दान पेटियों में काफी ज्यादा दान राशि होने का भी अनुमान रहता था। इसी के चलते ये गिरोह जैन मंदिरों में चोरियां करता था।
सायरा एसएचओ यशवंत सिंह सोलंकी ने बताया कि मंदिरों में चोरी करने वाले गिरोह के पांच बदमाश बड़ाफला शिवड़िया, बेकरिया निवासी लालाराम पुत्र शान्ताराम गरासिया, लक्ष्मण पुत्र कानाराम गरासिया, बरावली, सायरा निवासी रावताराम पुत्र नगाराम गरासिया, पला निवासी नाथुराम पुत्र वजाराम गरासिया, और बालावेरा, सायरा निवासी सुरेष पुत्र लखा गरासिया को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों ने रामसीन में जैन मन्दिर में चोरी, अनादरा में जैन मन्दिर में चोरी, केलवाडा में मन्दिर में चोरी, पिण्डवाडा जैन मन्दिर में चोरी, हल्दीघाटी खमनौर के मन्दिर में चोरी, पावापुरी जिला सिरोही जैनमन्दिर में चोरी, सिरोही जैन मन्दिर में चोरी, नांदेश्मा जैन मन्दिर में चोरी, भानपुरा जैन मन्दिर व पास में स्थित मकान में चोरी, शिवगंज से मोटरसाईकिल चोरी करना कबूल किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
मूर्तियों से आंखे, तिलक, ललाट व जेवर तक ले जाते थे बमदाश
पुलिस ने बताया बताया कि मंदिरों में मूर्तियों में लगीं आखें, तिलक, ललाट सहित अन्य चांदी के जेवर तक निकाल कर ले जाते थे। दान पेटियों क ताले तोड़ दानराशि चुरा ले जाते थे। मंदिर में कोई गार्ड नहीं होने से चोरों के लिए यहां चोरी करना आसान रहता था।
जिन गावों में सीपीओ वहां एक साल से नहीं हुई चोरी
पुलिस ने बताया कि सायरा के कुछ गांवों में एक साल से पुलिस के सहयोग से चौकीदार रखे हैं, इनका मासिक वेतन ग्रामीण इकट्ठा करके देते हैं। जब से यहां चौकीदार रखे हैं, चोरियां नहीं हुईं। ऐसे में जैन मंदिरों के ट्रस्ट और व्यवस्थापकों से भी कहा गया है कि वे मंदिरों में एक-एक गार्ड रख लें। पुलिस उन्हें गार्ड उपलब्ध करवा देगी, व्यवस्थापक उसका वेतन ट्रस्ट की ओर से निकाल दें।
चोर गिरोह की गिरफ्तारी में एएसआई शांतिलाल, हेडकांस्टेबल हीरालाल, कांस्टेबल ओमप्रकाष, शक्ति सिंह, अमित कुमार, सुनील कुमार, फतह सिंह, गिरीराज, मांगीलाल, प्रकाश चन्द्र की मुख्य भूमिका रही है।
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