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वर्षीदान का वरघाेड़ा निकला, आज सुपार्श्वनाथ मंदिर में पहले व अंतिम तीर्थंकराें की प्रतिष्ठा एकसाथ


भीलवाड़ा

श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक सेवा संस्थान की ओर से आरके, आरसी व्यास काॅलाेनी में बने सुपार्श्वनाथ जिन मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा महाेत्सव के पांचवे दिन बुधवार सुबह वर्षीदान का वरघाेड़ा निकाला। प्रतिष्ठा संबंधी चढ़ावे बाेले गए।

गुरुवार काे मंदिर में मूलनायक के साथ ही प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ व अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी सहित अन्य देव प्रतिमाओं की स्थापना हाेगी। शिखर पर ध्वजा व कलश स्थापित किए जाएंगे। संघ अध्यक्ष तेजसिंह नाहर ने बताया कि बुधवार काे सुबह 7 बजे पदमभूषणर| सुरीश्वर व निपुणर| सुरीश्वर महाराज की निश्रा में मंदिर से वर्षीदान का वरघाेड़ा शुरू हुआ। वापस मंदिर पहुंचने पर नूतन जिनबिंब काे विराजमान करने संबंधी चढ़ावे बाेले गए। मूलनायक सुपार्श्वनाथ भगवान काे विराजमान करने का लाभ दिनेशकुमार, धर्मेशकुमार मेहता परिवार काे, शिखर पर ध्वजा का लाभ नेमकुमार संघवी परिवार काे तथा कलश चढ़ाने का लाभ जिनेंद्रकुमार माेदी परिवार काे मिलेगा। आदिनाथ भगवान काे विराजमान करने का लाभ अमृतमल सेठिया, महावीर स्वामी काे विराजमान करने का लाभ भुषणकुमार सालगिया परिवार काे मिलेगा। दाेपहर में भगवान का दीक्षा कल्याणक विधान हुआ। प्रभु ने देवाें के विनती करने पर दीक्षा ग्रहण की। रात में 108 दीपक से कुमारपाल की आरती की, जिसका लाभ तेजसिंह नाहर परिवार ने लिया। शाम चार बजे महिलाओं का मेहंदी वितरण व चाैबीसी गीत कार्यक्रम हुआ। मध्यरात्रि में नूतन जिन प्रतिमाओं का विधान किया गया।

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