मध्य प्रदेश के बैतूल नगर के जैन मंदिर में दिव्य दर्शन योग समाधि संस्थान ओंकारेश्वर के तत्वावधान में दो दिवसीय प्रथम डिग्री रैकी शिविर का आयोजन किया गया। गुरुदेव अपूर्व शर्मा ने उपस्थित शिविरार्थियों को रैकी पद्धति के बारे में बताया। रैकी एक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में उपयोग कर स्वस्थ रहने की कला है।
आनंद से भरपूर जीवन जीने में सहायक बनाती है। प्रथम डिग्री शिविर में उपस्थित शिविरार्थियों के शरीर में मौजूद चक्रों को एट्यून किया गया। इसके बाद शिविरार्थियों ने 24 बिंदुओं पर रैकी ऊर्जा का अभ्यास किया। इस दौरान सभी ने अपने अनुभव बताए। शर्मा ने शरीर में मौजूद सातों चक्रों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया चक्रों के एक्टविसेट होने के बाद नकारात्मकता दूर होने लगती है। सकारात्मकता अपने आप शरीर में प्रवेश करती है। शिविर के दूसरे दिन लव सर्किल प्रोसेस कराई जाएगी
सारनी। जैन मंदिर में रैकी शिविर का आयोजन किया।
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