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राम का आदर्श, कृष्ण का लक्ष्य और महावीर का तप जिसने जीवन में उतारा, वही सच्चा जैन है

बुरहानपुर | इंदिरा कॉलोनी स्थित स्व. परमानंद गोविंदजीवाला ऑटोडोरियम में पहली बार भक्तामर स्तोत्र भारती मंत्रानुष्ठान और गुरु उपकार महोत्सव हुआ। इसमें जैन मुनि प्रणुतसागर महाराज ने कहा भगवान महावीर आंतरिक भाव से संत थे। उनका अमोघ अस्त्र अहिंसा था। जिसकी राह उन्होंने संसार को दिखाई। जो उनके अनुयायी इस सिद्धांत का अनुकरण करते हैं, वे ही सच्चे जैन होने के हकदार हैं। महावीर स्वामी का सिद्धांत था- जियो और जीने दो, जीवों पर दया करो। राम का आदर्श, कृष्ण का लक्ष्य और महावीर का तप जिन्होंने जीवन में उतार लिया, वही सच्चा जैन है। 140 वर्ष बाद दिगंबर जैन समाज का विशाल हवन शहर में होगा।

महापौर अनिल भोसले ने कहा गुरु के बिना ज्ञान प्राप्त नहीं होता। त्याग, तपस्या और कठोर साधना से वे अनुयायियों का मार्गदर्शन करते हैं। उनका अनुकरण करने से जैन धर्मावलंबी अपना जीवन सार्थक करते हैं।

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