top of page
Search

पोशध : जैन समाज के महिला-पुरुष एक दिन का संन्यास लेंगे

मध्य प्रदेश - उज्जैन :

श्वेतांबर जैन समाज के महिला-पुरुष एक दिन का संन्यास लेंगे। वे सुबह 6 से शाम 7 बजे तक संन्यासी की तरह रहेंगे। समाज के घरों से मिला भोजन ही करेंगे। इस दौरान हाड़ला स्पर्धा भी होगी। इस आयोजन में भाग लेने के लिए समाजजनों का पंजीयन किया जा रहा है।

चातुर्मास के आयोजनों के तहत खाराकुआ स्थित बड़ा उपाश्रय में यह आयोजन 11 अगस्त को होगा। चातुर्मास के लिए विराजित साध्वी उपेंद्र यशा श्रीजी ने इस आयोजन की घोषणा शुक्रवार को की है। इसे पोशध कहा जाता है। राजेश पटनी के अनुसार आयोजन में भाग लेने वाले महिला-पुरुष सुबह 6 बजे उपाश्रय आएंगे। वे अपने साथ चखला, बेटका मुहपति, शाल, एक जोड़ कपड़े, खाली टिफिन लेकर आएंगे। ब्रह्मचर्य का पालन करेंगे। सुबह से धर्म-ध्यान में बिताएंगे। सुबह 11.30 बजे घर-घर जाकर गोचरी (भोजन) लेंगे। उपाश्रय में आकर भोजन करेंगे। इसके बाद शाम 7 बजे तक उपाश्रय में ही रह कर ध्यान, जप आदि करेंगे। यह आयोजन समाजजनों साधु जीवन से अवगत कराने के लिए किया जा रहा है। इस बीच दोपहर 2 बजे हाड़ला स्पर्धा होगी। इसमें सभी को महावीर स्वामी से संबंधित सूत्र याद करके आना है। वे प्रतियोगिता में सूत्र सुनाएंगे।

पाप से डरें, इंसान से नहीं

साध्वी उपेंद्र यशा श्रीजी ने शुक्रवार को प्रवचन में कहा कि आज चारों तरफ पापाचार मचा हुआ है। यह सच है कि मनुष्य स्वभाव से पापी नहीं है। पाप करना उसे पसंद भी नहीं है। वस्तुत: मन से डर निकल गया है। मन में आता है और वह पाप कर बैठता है। इसलिए पाप के निमित्त से ही दूर रहना चाहिए। मनुष्य एक सीढ़ी से गिरे या दस से गिरेगा तो सही। इसलिए हर सीढ़ी पर संभलकर पैर रखना होता है। छोटा छेद भी जहाज को डुबो देता है। छोटा सा कंकर आंख खोलने नहीं देता। लालच में, गरीबी में, लाचारी में भी पाप करने से डरना चाहिए। इसके लिए धर्म की शरण जरूरी है। जब हम संतों और सज्जनों के सान्निध्य में होते है तो मन में भी सदभावना रहती है।

Recent Posts

See All

4 Digambar Diksha at Hiran Magri Sector - Udaipur

उदयपुर - राजस्थान आदिनाथ दिगम्बर चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 15 अगस्त को आचार्य वैराग्यनंदी व आचार्य सुंदर सागर महाराज के सानिध्य में हिरन...

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page