कर्नाटक
मैसूरु. गांधीनगर जैन संघ में मालव मार्तंड आचार्य मुक्तिसागर सूरि की निश्रा में रविवार को नूतन साध्वी तारकयशाश्री की बड़ी दीक्षा हुई। संघ के ट्रस्टी दीपक भाई ने बताया की 30 मई को मुमुक्षु रिंकू की दीक्षा हुई थी और नाम साध्वी तारकयशाश्री दिया था।
आचार्य ने दीक्षा विधि संपन्न करवाई। उन्होंने कहा कि दीक्षा पर सिर्फ संसार त्याग की प्रतिज्ञा होती है, जबकि बड़ी दीक्षा में पांच महाव्रत एवं छठा रात्रि भोजन विरमण व्रत की प्रतिज्ञा दी जाती है। अचलमुक्ति सागर ने कहा कि दीक्षा यानी एग्रीमेंट और बड़ी दीक्षा यानी रजिस्ट्री हो गई।
इस प्रसंग पर आचार्य कीर्तिप्रभसूरि भी उपस्थित हुए। उनके शिष्य एवं नूतन मुनि साहित्यप्रभ विजय ने विचार व्यक्त किए। इस प्रसंग पर साध्वी वीरेशपद्माश्री, साध्वी शीलधर्मा एवं साध्वी मोक्षज्योति उपस्थित थीं।
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