अशोकनगर | हम सच्चे और अच्छे बने तभी कल्याण कर सकते हैं। हम भौतिक रूप से मोबाइल कम्प्यूटर के माध्यम से स्मार्ट हो गए लेकिन अंदर से स्मार्ट बनें तभी फायदा होगा। आत्मा से स्मार्ट बनने के लिए कषायों को मंद करें। यह बात आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज के शिष्य सुप्रभ सागर महाराज ने सुभाषगंज में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले मुनिश्री सुप्रभ सागर महाराज मुनिश्री प्रणत सागर महाराज के साथ थूबोनजी से विहार करते हुए मंगलवार को अशोकनगर पहुंचे। मुनिश्री के आगमन को लेकर जैन समाज नए बस स्टैंड पहुंची जहां मुनिश्री को नगर प्रवेश कराया। बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे। मुनिद्धय नए बस स्टैंड से शोभायात्रा के रूप में पार्श्व नाथ जिनालय के दर्शन करते हुए गंज मंदिर पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह पाद प्रक्षालन और आरती उतारकर श्रद्धालुओं ने मुनिश्री का स्वागत किया। गंज मन्दिर में मुनिश्री के श्री मुख से शांतिधारा का पाठ हुआ। इसके बाद विहार कराने वाले नवयुवकों को शाॅल श्री फल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद रहे।
दीक्षा भूमि को किया मुनिश्री ने याद : 2009 में मुनिश्री सुप्रभ सागर महाराज ने अशोकनगर से ही दीक्षा ली थी। उन्होंने नगर आगमन पर कहा कि अपनी इस दीक्षा भूमि की यादें आज भी मानस पटल पर अंकित हैं। आज अनेक तीर्थों एवं नगरों की यात्रा के पश्चात जो शांति आदिनाथ जी के दरबार में हमें मिली है, वह अद्वितीय है।
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