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मुमुक्षु पवन कुमार जैन



मध्य प्रदेश के गुना जिले में सेवानिवृत्त लीड बैंक ऑफिसर एवं जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ ब्रह्मचारी पवन कुमार जैन 30 मई को दक्षिण भारत के कुम्भोज बाहुवली क्षेत्र पर जैनेश्वरी दीक्षा लेंगे। आचार्यश्री वर्धमान सागर महाराज से वह दीक्षा लेकर कठोर जैन मुनिव्रत का पालन करेंगे। अविभाजित गुना के अशोकनगर में जन्में श्री जैन की कर्मभूमि गुना रही है। इस दौरान उन्होंने बैंकिग क्षेत्र में सेवाएं देते हुए लीड बैंक ऑफिसर के रुप में सेवानिवृत्त हुए।


श्री जैन वर्ष 1999 में गुना में आयोजित पंचकल्याणक महामहोत्सव में सपत्निक भगवान के माता-पिता बने थे। इस दौरान उन्होंने जैन समाज के अध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहते हुए समाजसेवा की। लंबे अर्से वह ब्रह्मचारी के रुप आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के प्रेरणा और आशीर्वाद से त्यागीव्रती का जीवन जी रहे थे। आचार्यश्रीके सानिध्य और आशीर्वाद से धीरे-धीरे उन्होंने आठ प्रतिमाओं (जैन साधना की एक श्रेणी) को ग्रहण कि या। उनका मन हमेशा दीक्षा के लिए प्यासा रहा। चूंकि आचार्यश्री बाल ब्रह्मचारियों को ही दीक्षा प्रदान करते हैं इसलिए उनकी यह इच्छा अपूर्ण बनी रही। इसी दौरान पिछले दिनों गुना में मुनिश्री विद्यासागर महाराज के सानिध्य के दौरान मुनिश्री की प्रेरणा से उनके भाव आचार्यश्री वर्धमान सागर महाराज (दक्षिण) से दीक्षा ग्रहण करने के हुए। उन्होंने तत्काल निर्णय लेकर सर्वप्रथम जबलपुर में विराजमान आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चरणों मे अपने भाव निवेदित कर आशीर्वाद प्राप्त कि या। अब उनकी दीक्षा की तिथि 30 मई तय हो गई है। इसके पूर्व भी गुना के गौरव के रुप में 2013 में आचार्यश्री विद्यासागर महाराज से प्रदीप भैयाजी ने दीक्षा ग्रहण कर निष्कम्प सागरजी महाराज बने। अब द्वितीय नगर गौरव के रुप में पवन कठरया जैनेश्वरी दीक्षा लेकर मोक्ष मार्ग के पथ पर चलेंगे।

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