
लुधियाना : वर्तमान गच्छाधिपति शांतिदूत जैनाचार्य श्रीमद विजय नित्यानंद सूरीश्वर म. सा. की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी रंजन श्री म.सा., साध्वी प्रीति सुधा श्री म. सा., साध्वी प्रीति यशा श्री म. आदि ठाणा-3 का चातुमार्सिक प्रवेश शुक्रवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। श्री आत्मानंद जैन महासमिति के तत्वाधान में प्रवेश यात्रा शुक्रवार सुबह घंटाघर चौक से आरंभ होकर चौड़ा बाजार, चौक निक्कामल, दाल बाजार, पुराना बाजार से होती हुआ धर्म कमल हाल दरेसी रोड़ पर संपन्न हुई। शोभायात्रा में बैंड बाजे, गुरुदेव की फोटो से सजी हुई झांकियां एवं माताओं बहनों ने सिर पर कलश धारण किए शामिल हुई। धर्म हाल पहुंच कर साध्वी महाराज ने मंगला चरण किया। साध्वी प्रीति यशा म. सा. ने कहा कि आपके हाथ में पांच इंद्रियां होती है। इसके अनुसार इंसान को नैगेटिव चीज को छोड़ कर हमेशा पॉजिटिव चीज का साथ देना चाहिए।
इंसान के मन में हर दिन 60 हजार विचार आते हैं । मनोवैज्ञानिक कहते है कि हर व्यक्ति के मन में एक दिन में 60 हजार विचार आते है। नैगेटिव विचार तो अपने आप आ जाते है। लेकिन पॉजिटिव विचार के लिए गुरु का साथ जरूरी है। देव गुरु आपके नैगेटिव विचारों को दूर कर देते है और अच्छे विचारों को आपके पास लाते है। प्रीति सुधा महाराज ने कहा कि अभी तक हम बाहर भटकते थे, अब हमे भीतर प्रवेश करना है। चातुर्मास में वाणी और पानी दोनो चाहिए। जिस चातुर्मास में अकेला पानी बरसता है। वह फेल हो जाता है। और जिस चातुर्मास में वाणी नहीं बरसती वह भी फेल हो जाता है। वाणी के बिना किसी भी प्राणी का उत्थान नहीं हो सकता। हमें जिन वाणी का श्रवण करना है।
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