आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि पुष्पदंत सागर का गुरुवार देवलोकगमन शाश्वत तीर्थ सम्मेत शिखर में दोपहर 4 बजे हो गया। समाज के मनीष बड़जात्या ने बताया कि बीते वर्ष इसी दिन मुनिश्री का आगमन दुर्ग शहर में हुआ था। उनके सानिध्य में ही सुमतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में वेदी प्रतिष्ठा हुई थी। यहां से मंगल विहार के बाद पिंडरई मध्यप्रदेश में उनका चातुर्मास हुआ था। उसके बाद उन्होंने संघ सहित शिखरजी की वंदना के लिए प्रस्थान किया था। 25 अप्रैल को सुबह शिखरजी में प्रवेश हुआ।
आहार व सामयिक के बाद उसी दिन शिखरजी वंदना के लिए पर्वत पर जाते हुए सीता नाला के पास हृदयाघात होने पर उन्होंने समाधि धारण की। कुछ क्षण बाद उनका देवलोक गमन हो गया। दुर्ग-भिलाई में दिगंबर जैन समाज के लोगों ने मुनिश्री को श्रद्धांजलि दी।
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