top of page
Search

जैन हो तो श्रद्धावान और निष्ठावान बनें, अंध-श्रद्धालु नहीं


तमिल नाडु - वेलूर

शहर के मुख्य बाजार में रविवार को विहार करते हुए आचार्य वर्धमान सागर सूरीश्वर व आचार्य विमल सूरीश्वर के अन्य संतों के साथ पहुंचने पर वेलूर जैन संघ की ओर से सैकड़ों सदस्यों ने उनका भावभीना स्वागत किया। यहां से उनको जुलूस के रूप में आरकाट मार्ग, गांधी रोड होते हुए वानी चेटटी स्ट्रीट स्थित सभा भवन पहुंचे जहां धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य विमलसूरीश्वर ने कहा कि जिनशासन में चमत्कार की स्वीकृति नहीं है, यहां देवगुरु व धर्म की उपासना है। शुद्ध आध्यात्मिक उन्नति है, सामयिक चारित्र की भावना है, अहिंसा है, सैद्धांतिक मान्यता है एवं कर्म निर्जरा के लिए है। जैन की श्रद्धा खण्ड खण्ड में बंटी हुई है।


मजार पर या दरगाह में जाकर मथा टेकने से अगर बीमारियां दूर होती है तो लोग अस्पताल क्यों जाते हैं चिकित्सको की क्या जरूरत है। श्रद्धावन बनें, निष्ठावन बनें, अंधश्रद्धालु नहींं। कहीं भी नहीं जाएं। जैन हो तो जिनशासन के रहो। भगवान महावीर की परम्परा में झुकें, जैन हो तो पंच महारत को ही मानेें, इधर उधर की परपंचाई में न पड़ें। वीरों की संतान हैं, वीर की तरह जीएंगे। हम याचक नहीं वीर हैं ये मान कर आगे बढ़ो। सबसे बड़ी बात यह है आप लोग हिलमिल कर रहें, मिलकर नहीं रहेंगे तो खण्ड-खण्ड में बंट जाओगे। लोग आपको हाथों हाथ समाप्त कर देगे। धर्मसभा में जैन संघ के पदाधिकारियों सहित काफी संख्या में श्रावक व श्राविकाएं उपस्थित थे।

Recent Posts

See All

उदयपुर - राजस्थान आदिनाथ दिगम्बर चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा 15 अगस्त को आचार्य वैराग्यनंदी व आचार्य सुंदर सागर महाराज के सानिध्य में हिरन मगरी सेक्टर 11 स्थित संभवनाथ कॉम्पलेक्स भव्य जेनेश्वरी दीक्षा समार

bottom of page