सुख और दुख अपने हाथ में
- Jain News Views
- May 12, 2019
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Updated: May 13, 2019
तमिलनाड़ु कोयंबटूर ऊटी.
साध्वी प्रतिभाश्री ने कहा कि इंसान के हाथ में सुख-दुख दोनोंं है। अपने विचारोंं से ही व्यक्ति सुखी या दुखी होता है। जो सदैव सामने वाले के बारे में बुरा सोचता है, वह यह नहीं सोचता कि कहीं वह उसका भला तो नहीं कर रहा।
साध्वी ने रविवार को ऊटी के जैन भवन में धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जो आदमी अच्छा विचार और अच्छी भावना लाता है वह सदा सुखी है। धर्म सभा के बाद साध्वी के सानिध्य में श्रावक गुलाबचंद बोथरा की गुणानुवाद सभा हुई। उन्होंने बोथरा के प्रयासोंं से ऊटी में चातुर्मास कराने की भी सराहना की।
इससे पहले शनिवार को साध्वी प्रतिभाश्री आदि ठाणा ने येल्लनहल्ली से विहार किया। यहां से विहार कर मेन बाजार होते हुए जैन संघ के स्थानक भवन में प्रवेश किया। यहां जैन भवन में पहुंचने पर साध्वी प्रतिभाश्री ने श्रावकों का मांगलिक दिया। जैन भवन में प्रतिदिन सुबह नौ से सवा दस बजे तक प्रवचन होंगे।
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