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धन से अधिक संस्कारों की आवश्यकता

  • Writer: Jain News Views
    Jain News Views
  • May 11, 2019
  • 1 min read

बागपत : श्री पा‌र्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के पंच कल्याणक महोत्सव के दूसरे दिन गर्भ कल्याणक उत्तरा‌र्द्ध की क्रियाएं व पूजा अर्चना की गई।


जैन मुनि आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज ने कहा कि संस्कारों का जीवन में अति महत्व है। संसार की क्रियाओं के द्वारा योग्यता प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि संस्कार का अर्थ श्रेष्ठ कर्म, पूरा करना, सुधारना, चमकाना, श्रृंगार सजावट आदि है। उन्होंने कहा कि आज देश को जितनी धन की जरूरत है उससे भी अधिक संस्कारों की आवश्यकता है। संस्कार वह नींव है जिस पर व्यक्तित्व की इमारत खड़ी होती है। पंच कल्याणक महोत्सव में रात्रि के समय अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अलावा समारोह में स्यादवाद कालेज की ओर से आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि केंद्रीय सूचना आयोग के आयुक्त नीरज कुमार गुप्ता ने वर्तमान जीवन शैली और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों की जानकारी और तथ्यों पर प्रकाश डाला।

 
 
 

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