मध्यप्रदेश दमोह :- आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि विमल सागर, मुनि अनंत सागर, मुनि धर्म सागर, मुनिअचल सागर, मुनिभाव सागर महाराज श्री दिगंबर जैन नन्हे मंदिर दमोह में विराजमान है। बुधवार को सुबह आचार्य पूजन उपरांत प्रवचन में धर्मसभा का शुभारंभ हुआ। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अचलसागर महाराज ने कहा कि हमें जीवन में परिवर्तन लाना है तो धर्म का सहारा लेना पड़ेगा।
मुनिश्री ने कहा यदि श्रद्धा जाग गई होती तो हमारे जीवन में परिवर्तन हो जाता। समर्पण भी होना जरूरी है जिस व्यक्ति के अंदर धर्म होगा तो नैतिकता भी होगी। मुनिश्री ने अनेक उदाहरण देकर धर्म की परिभाषा बताई। हम आदमी कैसे बनेंगे जब तक हमारे जीवन में धर्म नहीं आएगा। दूसरा व्यक्ति पीडि़त है और आपके अंदर यदि करुणा नहीं है तो आपका सब व्यर्थ है। कल्याण तभी होगा जब सभी जीवों के प्रति करुणा के भाव रहे। अपनों के प्रति करुणा के भाव नहीं रहते हैं आज।
मुनिश्री ने कहा सबसे बड़ी क्रूरता हमारे जीवन में यह आ रही है कि हम शून्य होते जा रहे हैं। हम स्वयं जिए और दूसरों को भी जीने दें। यदि बच्चों को हिंसा के कार्य सिखाएंगे तो बच्चे इन कार्यों में आगे रहेंगे। अपने जीवन को अच्छा बनाएं। शाम को मुनिश्री भाव सागर ने कहा कि धार्मिक कार्यों में लोगों की रुचि कम होती जा रही हैं। अभिषेक के लिए जल, द्रव्य की व्यवस्था करने वाले तो कम होते हैं लेकिन बाद में सभी आते हैं और अपनी-अपनी धार्मिक क्रियाएं संपन्न करके चले जाते हैं। आज सेवा के कार्यों में लोग कम आते हैं, प्रदर्शन के कार्यों में ज्यादा लोग रहते है।
मन्दिर कमेटी ने बताया कि 11 मई को मुनि श्री विमल सागर महाराज आदि 3 मुनिराजों के मुनि दीक्षा दिवस की तैयारियां जोरो से चल रही है। यह कार्यक्रम प्रात: 7 बजे आचार्य विद्यासागर महाराज की विशेष महापूजन से प्रारंभ होगा। इसी क्रम में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नाटिका गुरुकथा जो आचार्य विद्यासागर महाराज के जीवन पर आधारित है। यह आर्यिका पूर्णमति माताजी द्वारा रचित है, इस की प्रस्तुति गुरु भक्त मंडल शहपुरा के कलाकारों द्वारा 11 मई शनिवार को रात्रि 8 बजे से नन्हे जैन मंदिर दमोह में प्रस्तुति होगी। नाटिका की लाइट एंड साउंड की थीम मुंबई के विशेष कलाकारों द्वारा तैयार की गई है।
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