राजस्थान - जयपुर
गोपाल जी का रास्ता स्थित 250 वर्ष प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर कालाडेरा (महावीर स्वामी) में दो दिवसीय वेदी प्रतिष्ठा एवं कलशारोहण महोत्सव शुक्रवार व शनिवार को मुनि विभंजन सागर महाराज के सानिध्य में होगा। मंदिर समिति के अध्यक्ष नरेश कुमार सेठी ने बताया कि जीर्णोद्धार के बाद वेदियों पर स्वर्ण कार्य करवाया गया है।
प्रतिष्ठाचार्य विधि विधान विशेषज्ञ निर्मल कुमार बोहरा तथा वास्तु परामर्शक राज कुमार कोठ्यारी के निर्देशन में शुक्रवार सुबह 7:15 बजे झंडारोहण के बाद घटयात्रा निकलेगी। मंगल कलश स्थापना व दीप प्रज्ज्वलन से पूर्व सुबह 6 बजे से जाप्यानुष्ठान, अभिषेक, शांतिधारा, आचार्य निमंत्रण आदि की क्रियाएं होंगी। सुबह 9 बजे मुनि विभंजन सागर महाराज के मंगल प्रवचन होंगे। मंत्री ताराचंद बैराठी ने बताया कि सुबह 10 बजे से सैकड़ों इंद्र-इंद्राणी यागमंडल पूजा विधान करेंगे। शाम को महाआरती, शास्त्र सभा के बाद चूलगिरी यात्रा संघ की ओर से 48 दीपकों के साथ ऋद्धि मंत्रों से युक्त भक्तामर स्तोत्र का अनुष्ठान होगा। सेठी ने बताया कि शनिवार सुबह 8.30 बजे विश्व शांति महायज्ञ के बाद 9:15 बजे बड़ी वेदी में श्रीजी को कमलों पर व पार्श्व वेदी में विराजमान कराएंगे।
आमेर में निकली प्रतिमा बिना सारथी के लाई थी बैलगाड़ी
किवंदती है कि करीब 250 साल पहले आमेर के पुराने मंदिर में दो प्रतिमाएं मिली थीं। लोगों के मतभेद के बाद निर्णय लिया गया कि मूर्तियों को अलग-अलग बैलगाड़ी में विराजमान कर बिना सारथी के छोड़ दिया जाए।
तब एक बैलगाड़ी तो आमेर में ही बाहरली नसियां के दरवाजे पर ही रुक गई। जहां भगवान नेमिनाथ की मूर्ति को स्थापित कर दिया गया। दूसरी बैलगाड़ी गोपालजी के रास्ता स्थित कालाडेरा मंदिर के बाहर आकर रुकी। बैलगाड़ी में भगवान महावीर की खड़गासन प्रतिमा विराजन थी उसे मंदिर में नई वेदी बनाकर स्थापित कर दिया गया।
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